हैदराबाद। कहा जाता है कि हर अपराधी अपने गुनाह का कोई-न-कोई सुराग जरूरत छोड़ता है। हैदराबाद में 27 वर्षीय पशु चिकित्सक के साथ हैवानियत करने के बाद उसे जिंदा जला देने वाले को शायद यह पता नहीं था। लेकिन, पुलिस ने जब सुराग तलाशने शुरू किए तो टायर मकैनिक के साथ-साथ फ्यूल स्टेशन समेत अलग-अलग जगहों पर लगे सीसीटीवी में रेकॉर्ड फुटेज और तकनीकी सबूतों ने आरोपी की पहचान करवा दी। यही वजह है कि पुलिस को महज 48 घंटों के अंदर चारों आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता हाथ लगी।
चारों आरोपियों- मोहम्मद आरिफ, शिवा, नवीन और सी चेन्नकेशवुलु ने वारदात को अंजाम देने से पहले टोंडूपल्ली टोल प्लाजा पर शराब पी थी। दिलचस्प बात यह है कि पीड़िता को फंसाने के लिए जो जाल चारों ने बिछाया था, उसी की वजह से उनका पदार्फाश भी हो गया। साइबरबाद पुलिस ने शादनगर अंडरपास के नीचे पीड़िता का जला हुआ शव मिलने के बाद पुलिस को सबसे पहला सुराग एक टायर मकैनिक से मिला। दरअसल, पीड़िता की बहन ने पुलिस को बताया था कि उनकी गाड़ी खराब हो गई थी और तब मदद करने के लिए कुछ अनजान लोग आए थे। इस पर पुलिस ने आसपास के टायर मकैनिकों को खोजना शुरू किया। मकैनिक ने बताया कि कोई पंक्चर टायर में हवा भरवाने के लिए लाल रंग की बाइक लाया था।
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